Lecture & workshop on Yoga

Lecture & workshop on Yoga

के एन बक्शी कॉलेज ऑफ एजुकेशन, करमाटांड ,बेंगाबाद, गिरिडीह में युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार सह राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस काउंटडाउन कार्यक्रम के अन्तर्गत योग संबंधित व्याख्यान एवं योग संबंधी ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें महाविद्यालय के सभी शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारियों, बी एड एवं डी एल एड के प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया l
इस मौके पर महाविद्यालय के प्रोफेसर नूतन शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि :- नित प्रतिदिन योग करनी चाहिए ,योग करने से मनुष्य का शरीर में किसी भी प्रकार का रोग नहीं होता है अगर रोग हो गई है तो उससे मुक्ति मिल जाती हैl

प्रो पवन कुमार सुमन ने कहा कि :- योग के पितामह महर्षि पतंजलि ने चौरासी लाख आसन की रचना की थी जिसमें से चौरासी आसन प्रमुख थे वर्तमान समय में बत्तीस आसन ही प्रसिद्ध है l आसनों का अभ्यास शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक रुप से स्वास्थ्य लाभ एवं उपचार के लिए किया जाता है l

प्रो निलेश लकडा ने अपने संबोधन में कहा कि :- योग एक विधि है जो साधना, अभ्यास, क्रिया के द्वारा अच्छे उद्देश्य एवं अच्छे कार्य में इंसान को जोड़ने में सहायता करती है l

प्रो गौतम कुमार गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि :- योग के द्वारा ही व्यक्ति आत्म दर्शन करता है इसलिए कहा भी गया है कि योग द्वारा आत्म दर्शन करना ही परम धर्म है

इस मौके पर महाविद्यालय के प्रो नूतन शर्मा, प्रो पवन कुमार सुमन, प्रो निलेश लकडा, प्रो गौतम कुमार गुप्ता, प्रशिक्षुओं में प्रियतम कुमार श्रावणी, रागिनी प्रिया, भूषण कुमार यादव , काजल कुमारी ने अपने अपने विचार रखे l कार्यक्रम का समापन राष्ट्र गान के साथ सम्पन्न हुआ

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